कितनी अच्छी होगी ये दुनिया, अगर सभी यहाँ अच्छे हों
कितने खुश होंगे बापू जी , अगर सभी यहाँ सच्चे हों
प्रेम , अहिंसा बनी रहे दुनिया में , यह कब हो पायेगा
हो सकता है यह तब जब , सभी यहाँ दिल के कच्चे हों
सोचो इस दुनिया में क्या कोई भेदभाव रह पायेगा ,
हो सकता है यह भी , अगर सभी यहाँ मन के बच्चे हों
क्या कभी ये हमारी दुनिया सभी से न्यारी होगी
...................... या फिर आज की तरह बेचारी होगी
यह भी सच हो सकता है, अगर हम सभी के इरादे पक्के हों
पर चाहने क्या होता है ,होता तो दिल लगाने से है ,
अगर लग गया हमारा दिल इस और
तो क्या पता हम ही तुरुप के इक्के हो ,,,
धन्यबाद
written on 24 nov 2010
यह भी सच हो सकता है, अगर हम सभी के इरादे पक्के हों
पर चाहने क्या होता है ,होता तो दिल लगाने से है ,
अगर लग गया हमारा दिल इस और
धन्यबाद
written on 24 nov 2010
nice poem
ReplyDeletegud man......
ReplyDeleteThank you soni ji , Hope you will you like my next poems .....
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